बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच मोकामा में जन सुराज पार्टी समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या और जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने पूरे राज्य की राजनीति को हिला दिया है। जानिए पूरा घटनाक्रम, पुलिस जांच और राजनीतिक असर।
घटना पृष्ठभूमि : Mokama Murder Case कैसे हुआ ?
बिहार की राजनीति हमेशा से बाहुबल और प्रभावशाली नेताओं के लिए जानी जाती रही है। इसी बीच मोकामा विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है, जहाँ जन सुराज पार्टी (Jan Suraaj Party) के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने पूरे राज्य को हिला दिया।
घटना 30 अक्टूबर 2025 की बताई जाती है, जब मोकामा में जन सुराज पार्टी के प्रचार कार्यक्रम के दौरान अचानक फायरिंग हुई। गोली लगने से दुलारचंद यादव घायल हो गए और अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक घटना के पीछे “स्थानीय चुनावी रंजिश” थी। इसी दौरान कई लोगों ने जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह का नाम लिया, जो मोकामा से चुनाव लड़ रहे थे।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी : Anant Singh Arrested By Patna Police
घटना के तुरंत बाद पटना पुलिस ने हाई लेवल जांच शुरू की।
जांच में कई CCTV फुटेज, लोकल गवाहों के बयान और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद पुलिस ने जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को मुख्य आरोपी माना।
2 नवंबर 2025 की देर रात अनंत सिंह को उनके पैतृक आवास से गिरफ्तार किया गया।
उनके साथ दो और सहयोगी — मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम — को भी हिरासत में लिया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, FIR में धारा 302 (हत्या), 120B (षड्यंत्र) और Arms Act के तहत केस दर्ज किया गया है।
अब तक लगभग 80 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
Anant Singh का Political Background क्या है ?
अनंत सिंह का नाम बिहार की राजनीति में “बाहुबली नेता” के तौर पर मशहूर है।
मोकामा से वे पहले RJD और बाद में JDU से विधायक रह चुके हैं।
उन पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं — जिनमें हथियार बरामदगी, धमकी और हत्या के प्रयास के केस शामिल हैं।
2019 में जब उनके घर से AK-47 और ग्रेनेड बरामद हुए थे, तब भी उन्हें जेल जाना पड़ा था।
हालांकि, 2025 के विधानसभा चुनाव में जदयू ने उन्हें टिकट देकर फिर से मैदान में उतारा था।
अब यह गिरफ्तारी JDU के लिए बड़ी राजनीतिक मुश्किल बन गई है।
चुनावी असर : Bihar Election 2025 में मोकामा के हालात ?
Bihar Election 2025 के दौरान मोकामा पहले से ही एक High Profile सीट मानी जा रही थी।
यहाँ JDU, RJD और Jan Suraaj Party के बीच त्रिकोणीय मुकाबला था।
लेकिन Dularchand Yadav Murder Case ने पूरे चुनावी समीकरण को बदल दिया है।
अब मतदाताओं के बीच यह चर्चा है कि क्या “Law and Order” वाकई में लागू है?
Election Commission ने इस केस को “Sensitive Matter” मानते हुए इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है।
जनता और सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है ?
सोशल मीडिया पर #MokamaMurderCase और #AnantSingh ट्रेंड कर रहे हैं।
जन सुराज पार्टी के समर्थक लगातार #JusticeForDularchand चला रहे हैं,
जबकि जदयू के समर्थक इसे “Political Framing” बता रहे हैं।
कई राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा —
“यह केस बिहार में राजनीति और अपराध के गठजोड़ को फिर उजागर करता है।”
वहीं कुछ लोगों का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले हुई यह घटना कई दलों के लिए “इमोशनल वेपन” बन सकती है।
Anant Singh के गिरफ़्तारी पर JDU और जन सुराज के बयान ?
JDU का बयान:
पार्टी प्रवक्ता ने कहा —
“हम कानून में विश्वास रखते हैं। यदि किसी पर आरोप है तो जांच निष्पक्ष होगी। अनंत सिंह की गिरफ्तारी का मतलब दोष सिद्ध नहीं होता।”
Jan Suraaj Party की प्रतिक्रिया:
“हमारे समर्पित कार्यकर्ता की हत्या हुई है। न्याय तभी होगा जब असली दोषियों को सजा मिले। यह बिहार की राजनीति में डर का माहौल दिखाता है।”
RJD ने भी नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि,
“कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। बाहुबली नेता खुलेआम घूमते हैं और निर्दोष मारे जा रहे हैं।
पुलिस जांच में अबतक क्या सामने आया है ?
पुलिस ने घटनास्थल की Scientific Investigation शुरू की है।
FSL रिपोर्ट, मोबाइल कॉल डिटेल और हथियार की फॉरेंसिक जांच जारी है।
अनंत सिंह को न्यायालय में पेश कर Judicial Custody की मांग की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने यह भी जांच शुरू की है कि गोली चलाने वाला व्यक्ति कौन था और किस वाहन से आया।
कई CCTV फुटेज में सफेद Scorpio दिखाई देने की पुष्टि हुई है।
घटनाक्रम का ब्यौरा (Timeline of Mokama Murder Case)
| तारीख | घटना विवरण |
| 30 अक्टूबर 2025 | जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या |
| 31 अक्टूबर 2025 | जन सुराज कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन, केस दर्ज |
| 1 नवंबर 2025 | पुलिस की बड़ी रेड, कई संदिग्ध हिरासत में |
| 2 नवंबर 2025 | JDU उम्मीदवार अनंत सिंह गिरफ्तार |
| 3 नवंबर 2025 | अनंत सिंह की अदालत में पेशी, न्यायिक हिरासत में भेजा गया |
| 4 नवंबर 2025 | Election Commission ने रिपोर्ट तलब की |
| 5 नवंबर 2025 | मोकामा में सुरक्षा बढ़ाई गई, Political Reaction जा |
Anant Singh का राजनीति और अपराध से चोली – दामन का रिश्ता
मोकामा क्षेत्र पहले से ही “Crime Capital of Bihar Politics” कहा जाता है।
यहाँ दशकों से बाहुबलियों का दबदबा रहा है —
चाहे वह अनंत सिंह हों या उनके विरोधी समूह।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार में crime और power का संतुलन ही राजनीतिक समीकरण तय करता है।
दुलारचंद यादव की हत्या उसी सत्ता-संतुलन की एक और कड़ी मानी जा रही है।
जनता का मुड और ग्राउंड रिपोर्ट ?
मोकामा के स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे डर और असुरक्षा में हैं।
“दिनदहाड़े गोली चली और कोई रोकने वाला नहीं था। अब पुलिस कार्रवाई के बाद थोड़ी राहत है, लेकिन डर अभी भी कायम है।”
गांवों में चुनावी माहौल ठंडा पड़ गया है।
जन सुराज पार्टी के कार्यकर्ता भावनात्मक रूप से आहत हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं।
बिहार Election 2025 पर इसका असर क्या होगा ?
यह मामला अब केवल एक “Murder Case” नहीं रहा, बल्कि एक Political Turning Point बन गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अनंत सिंह दोषी पाए गए, तो यह JDU के लिए चुनावी झटका साबित होगा।
वहीं, जन सुराज पार्टी इस मुद्दे को “People’s Sentiment” के रूप में भुनाने की कोशिश कर रही है।
निष्कर्ष : क्या बिहार फिर से पुराने दौर में लौट रहा है ?
दुलारचंद यादव की हत्या और अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने बिहार की राजनीति में एक बड़ा सवाल छोड़ दिया है —
क्या सत्ता की लड़ाई में अब भी जान की कीमत सबसे सस्ती है?
राजनीति में अपराध का दखल नया नहीं है, लेकिन 2025 में जब बिहार “Digital और Development” की बात कर रहा है,
तब यह घटना लोकतंत्र के लिए चिंताजनक संकेत है।
आगे देखना यह होगा कि क्या यह केस केवल “Election Issue” बनकर रह जाएगा या वाकई न्यायिक निष्पक्षता दिखेगी।


















