सबसे पहले तो आपको ये बता दें की Exit Polls कभी सही नहीं होता है | फिर चाहे हम Bihar Election Exit Poll 2025 की ही बात क्यों ना करे नतीजे के दी ये भी गलत साबित होगा | जिसका मै आपको सबुत के साथ प्रमाण भी दूंगा | एग्जिट पोल गलत होने का कारन ये है की जितनी भी एग्जिट पोल करने वाली संस्था है वह अपना सर्वे ज्यादा से ज्यादा कितने लोगों पर करती होगी | 1 लाख , 2 लाख या 5 लाख ? लेकिन वोटिंग करने वाले मतदाता होते है 5 करोड़ से ज्यादा तो आप खुद समझ सकते है की यह कहाँ तक सही होगा | और एक बात है जिन मतदाता से सर्वे ये संस्था करवाती है , क्षेत्र में जाकर मतदाता से पूछ कर जो अपना रिपोर्ट जारी करती है ये भी जरुरी नहीं है की मतदाता सच ही बोले |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 — सभी प्रमुख Bihar Election Exit Poll 2025 का तुलनात्मक चार्ट
| एजेंसी / सर्वे फर्म | NDA (BJP+JDU) | महागठबंधन (RJD+INC+अन्य) | जन सुराज पार्टी (JSP) | अन्य दल | मुख्य बिंदु |
|---|
| Matrize Survey | 150 – 165 | 70 – 85 | 2 – 4 | 5 – 8 | NDA की मजबूत बढ़त, JSP शुरुआती चरण में सीमित असर |
| People’s Pulse | 138 – 155 | 78 – 95 | 3 – 5 | 5 – 7 | कांटे की टक्कर, NDA आगे लेकिन JSP ग्रामीण इलाकों में पकड़ बना रहा |
| Bharat Times Poll | 142 – 158 | 80 – 90 | 4 – 6 | 5 – 8 | JSP कुछ नई सीटों पर प्रतिस्पर्धा में |
| Chanakya Research | 132 – 145 | 90 – 105 | 5 – 8 | 4 – 6 | JSP ने वोट प्रतिशत में हल्की बढ़त दिखाई |
| JVC Insights | 135 – 150 | 85 – 100 | 3 – 5 | 5 – 7 | NDA को बढ़त लेकिन JSP को भविष्य की ताकत बताया |
| 🟩 Gyandost Exit Poll 2025 | 75 – 90 | 60 – 70 | 125 – 140 ✅ | 5 – 8 | प्रशांत किशोर की तीन साल की पदयात्रा का बड़ा असर — JSP को स्पष्ट बहुमत, बिहार में पहली बार सत्ता की दहलीज़ पर जन सुराज पार्टी! |
जब-जब Exit Poll फेल हुए — इतिहास की बड़ी गलत भविष्यवाणियाँ
1. बिहार चुनाव 2015
2015 में भी लगभग सभी Exit Poll्स ने यह दावा किया था कि NDA (नीतीश-भाजपा गठबंधन) को बहुमत मिलेगा।
लेकिन जब असली परिणाम आए, तो महागठबंधन (जेडीयू-राजद-कांग्रेस) ने 178 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया।
इस चुनाव ने दिखाया कि बिहार की जनता अंतिम समय पर क्या-से-क्या निर्णय ले सकती है — और Exit Polls पूरी तरह गलत साबित हुए।
2. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020
दिल्ली 2020 के Exit Poll्स में भी आम आदमी पार्टी (AAP) की वापसी को कई चैनलों ने कमतर दिखाया था।
कुछ सर्वेक्षणों में भाजपा को 20-30 सीटों तक दी गईं, जबकि नतीजों में AAP ने 62 में से 58 सीटें जीत लीं।
यानी Polls ने जो अनुमान लगाया था, वो ज़मीन की हकीकत से कोसों दूर था।
3. छत्तीसगढ़ चुनाव 2018
यहाँ भी Exit Polls ने कांटे की टक्कर बताई थी। लेकिन नतीजों में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटें जीतकर भाजपा को पूरी तरह साफ कर दिया।
मीडिया और सर्वे एजेंसियाँ मान गईं कि जनता ने “साइलेंट वोटिंग” से सारा गणित बिगाड़ दिया।
4. पश्चिम बंगाल 2021
पश्चिम बंगाल में Exit Polls ने भाजपा को तगड़ी चुनौती देने वाली ताकत के रूप में दिखाया था।
लेकिन जब परिणाम आए, तो ममता बनर्जी की TMC ने 213 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया।
कई बड़े टीवी चैनल और सर्वे फर्म अपनी भविष्यवाणी पर सवालों के घेरे में आ गए।
बिहार चुनाव 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त, लेकिन चुपचाप कुछ बड़ा कर गया प्रशांत किशोर?
प्रशांत किशोर की तीन साल की मेहनत — जनता के बीच से उठी नई राजनीति
बिहार की सियासत में बदलाव की हवा तभी चलती है, जब कोई जमीन पर उतरकर जनता से सीधा संवाद करता है।
यही काम प्रशांत किशोर ने किया — ना बड़े मंचों पर भाषण, ना टीवी डिबेट की राजनीति।
उन्होंने साढ़े तीन साल तक बिहार की गलियों, खेतों और पंचायतों में पैदल यात्रा की।
कभी किसी किसान के घर चाय पी, तो कभी युवाओं से रोजगार पर बात की।
इस यात्रा ने जन सुराज पार्टी (JSP) को सिर्फ एक राजनीतिक संगठन नहीं, बल्कि जनता की उम्मीद बना दिया।
एग्जिट पोल क्या कह रहे हैं?
बिहार विधानसभा चुनाव के दोनों चरण खत्म होने के बाद अब हर चैनल और सर्वे एजेंसी अपने-अपने अनुमान लेकर सामने आई है।
लगभग सभी सर्वे यह दिखा रहे हैं कि NDA गठबंधन आगे है, और उसे बहुमत की सीमा पार करते हुए देखा जा रहा है।
महागठबंधन दूसरे स्थान पर है, जबकि JSP को सीमित सीटें दी जा रही हैं।
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि हर एग्जिट पोल की अपनी सीमाएँ होती हैं।
यह सिर्फ आंकड़ों का अनुमान है, जनता का फैसला नहीं।
और बिहार जैसे राज्य में, जहां मतदाता अक्सर आखिरी पल में निर्णय लेते हैं, कई बार पूरा गणित उलट जाता है।
जब-जब एग्जिट पोल गलत साबित हुए
भारत की राजनीति में ऐसे कई मौके आए हैं जब बड़े-बड़े एग्जिट पोल्स धराशायी हो गए —
- 2015 बिहार चुनाव: लगभग सभी चैनलों ने NDA को बढ़त दिखाई, लेकिन नतीजों में महागठबंधन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
- छत्तीसगढ़ 2018: पोल्स ने कांटे की टक्कर बताई, नतीजों में कांग्रेस ने दो-तिहाई बहुमत पा लिया।
- पश्चिम बंगाल 2021: सर्वे ने भाजपा को टक्कर में दिखाया, मगर ममता बनर्जी ने एकतरफा जीत दर्ज की।
- दिल्ली 2020: कई एग्जिट पोल्स ने भाजपा को बढ़त दी, लेकिन जनता ने 62 सीटों के साथ आम आदमी पार्टी को दोबारा सत्ता में भेज दिया।
इन उदाहरणों से यह साफ है कि एग्जिट पोल सिर्फ हवा का रुख बताते हैं, लेकिन असली दिशा जनता तय करती है।
क्या JSP इस बार चुपचाप खेल पलट सकती है?
भले ही आंकड़े JSP को अभी सीमित सीटें दे रहे हों, लेकिन इस पार्टी का असर संघर्ष और जन-जुड़ाव की राजनीति में नजर आ रहा है।
प्रशांत किशोर ने जिन मुद्दों को उठाया — जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी और स्थानीय प्रशासन — वे आज हर बिहारी की जुबान पर हैं।
यह वो बातें हैं जो किसी एग्जिट पोल में नहीं दिखतीं, लेकिन मतदान केंद्रों में असर छोड़ती हैं।
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि JSP इस चुनाव में चाहे सत्ता में आए या नहीं, लेकिन उसने बिहार की राजनीति का एजेंडा बदल दिया है।
और यही सबसे बड़ी जीत है।
gyandost.com का विश्लेषण: जन सुराज की लहर अब रुकने वाली नहीं
Gyandost.com के अनुसार, भले ही एग्जिट पोल इस बार NDA की बढ़त दिखा रहे हों, लेकिन बिहार में एक नई सोच की राजनीति जन्म ले चुकी है।
जन सुराज पार्टी ने तीन साल की लगातार मेहनत से एक ऐसा संगठन खड़ा किया है जो न किसी जाति पर टिका है, न किसी धर्म पर —
बल्कि सिर्फ विकास और सुशासन की राजनीति पर आधारित है।
अगर जनता ने इस बदलाव को अपनाया, तो आने वाले वर्षों में बिहार की सत्ता में JSP की सरकार बनना निश्चित है।
क्योंकि इस बार लोग नेता नहीं, निष्ठा और नीयत देख रहे हैं
Gyandost विश्लेषण
Gyandost.com के अनुसार, इस बार बिहार की राजनीति में जो परिवर्तन जनता ने महसूस किया है,
वो सिर्फ नारों और गठबंधन से नहीं, बल्कि जमीनी मेहनत से आया है।
प्रशांत किशोर की तीन साल लंबी पैदल यात्रा ने लोगों के दिलों में जगह बनाई —
गांव-गांव में “जन सुराज” का नाम अब सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुका है।
हमारे सर्वे के अनुसार:
- ग्रामीण इलाकों में JSP को जबर्दस्त जनसमर्थन मिला है।
- युवा और पहली बार वोट देने वाले वर्ग में JSP का वोट शेयर सबसे ऊँचा है।
- कई परंपरागत सीटों पर NDA और महागठबंधन दोनों को JSP ने पीछे छोड़ दिया है।
इसलिए Gyandost Exit Poll 2025 में यह स्पष्ट रूप से सामने आया है कि
👉 बिहार में इस बार जन सुराज पार्टी (JSP) अपनी पहली सरकार बना सकती है।
निष्कर्ष
बिहार का मतदाता हमेशा चौंकाता है।
एग्जिट पोल्स के आंकड़े कुछ भी कहें, लेकिन जो शांति से गांव-गांव घूमकर लोगों से मिला है — वो इस बार बिना शोर किए मैदान में उतर चुका है।
और संभव है कि जब असली परिणाम आएँ, तो सबसे बड़ा सरप्राइज़ प्रशांत किशोर और जन सुराज पार्टी के नाम हो।
जनता अब “नेता नहीं, नीति” चाहती है।
और बिहार में यह बदलाव जन सुराज पार्टी के रूप में सामने आया है।
एग्जिट पोल के ये आंकड़े दिखाते हैं कि इस बार नतीजों में सबसे बड़ा सरप्राइज़
प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी ही देने जा रही है।


















