Prashant Kishor Biography: Struggle, से Election Strदिल्ली में बड़ा धमाका :Bihar Election Result 2025 Live: 14 नवंबर कपिता की आंखों में आंसू, बमोकामा हत्याकांड में अनंत सिंह की गिरफ्तारी

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Prashant Kishor Biography: Struggle, से Election Strategist बनने और बिहार बदलाव के लिए जन सुराज पार्टी बनाने तक का सफर

Photo of author

Raushanjha

Published: 2 months ago
Prashant Kishor Biography – Jan Suraj Party Founder | संघर्ष से सफलता तक का सफर
प्रशांत किशोर: बिहार के गांव से उठकर राष्ट्रीय राजनीति में परिवर्तन की नई दिशा देने वाले रणनीतिकार
Share Now

प्रशांत किशोर को आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो इनको नहीं जानता हो , राजनीति जगत का एक ऐसा नाम जो किसी के बलबूते नहीं बल्कि अपने दम पर एक अलग पहचान बनाया है | लेकिन प्रशांत किशोर (Prashant Kishor ) के लिए भी यह सफर आसान नहीं रहा | आज कोई उसे PK के नाम से तो कोई Election Strategist यानि राजनीति के रणनीतिकार के रूप में जानता है |

प्रशांत किशोर के बारे में पहले छोटा परिचय

प्रशांत किशोर (PK) बिहार की दशा और दिशा दोनो बदलने के लिए राजनीती में कदम रख चुके है , आपको बता दे की राजनीती में सामने से उतरने से पहले अलग – अलग पार्टी और अलग – अलग नेताओं के लिए परदे के पीछे से Strategy बनाते थे , और कई पार्टियों को इन्होने अपने सही प्लान और Strategy से विजय दिलाते रहे थे , लेकिन फिर भी किसी पार्टी ने आज तक बिहार के जनता को बेरोजगारी के किचर से बाहर निकालने का काम नहीं किया |

प्रशांत किशोर बिहार को बदलने के उदेश्य से राजनीती में सामने से कदम रखा है ना की अब परदे के पीछे से , और इन्होने अपना एक नया पार्टी खड़ा किया है जिसका नाम रखा है जन सुराज पार्टी | इस पार्टी का Tagline है जनता का सुन्दर राज यानि जन सुराज |

प्रशांत किशोर जन्म स्थान और पारिवारिक परिचय

  • प्रशांत किशोर का जन्म वर्ष 1977 में बिहार के रोहताश जिला के कांवर नामक गाँव में हुआ
  • प्रशांत किशोर के पिता का नाम डॉ श्रीकांत पांडे था
  • प्रशांत किशोर के पिता एक सरकारी चिकित्सक थे
  • प्रशांत किशोर की माँ एक गृहणी है
  • प्रशांत किशोर को बचपन से ही ऐसी परिस्थिति मिली जहाँ उनके पास सिमित संसाधन था लेकिन कुछ बड़ा बदलाव बिहार में करने की इक्षा ने उन्हें एक अलग मुकाम पर पहुँचाया

पढाई और अनुभव

प्रशांत किशोर की सुरुआती पढाई तो उनके अपने गाँव से ही हुआ , लेकिन वो अपनी माध्यमिक शिक्षा ग्रहण करने के लिए बक्सर चले गए | और माध्यमिक शिक्षा पूरा होने के बाद उनका झुकाव इंजिनियर बनने के तरफ था , उनको स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्र में भी काम करने का अवसर मिला |

प्रशांत किशोर ने लगभग ८ साल तक United – Nation अनुदानित सार्वजानिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से काम किया | इतने सारे अलग – अलग क्षेत्र में काम करने का फायदा ये हुआ की प्रशांत किशोर यानि (PK) को डेटा थिंकिंग (Data – Thinking) योजना बनाने की क्षमता और वास्तविक समाज के समस्याओं से अवगत कराया |

करियर और आने वाली चुनौतियाँ

प्रशांत किशोर को जिस समय सामजिक स्वास्थ्य विकास के क्षेत्र में कार्य करने का अवसर मिला , यही वो समय था जब उन्हें पता चला की सिर्फ रणनीति बनाना ही काफी नहीं है , उस रणनीति को हकीकत बनाना और जमीन पर उतरना उतना ही महत्वपूर्ण है | और फिर क्या था प्रशांत किशोर को राजनीती जगत में जीत की रणनीति बनाने में काफी दिलचस्पी बढ़ने लगी |

प्रशांत किशोर के लिए राजनीति जगत में सक्रिय रूप से कदम रखना इस बात का निर्णय लेना कहीं से आसान नहीं था , जिस देश में पहले से कई धुरंधर और पुराणी कुछ राष्ट्रिय और कुछ क्षेत्रीय पार्टियाँ सक्रिय रूप से काम कर रहा हो |

राजनीति के क्षेत्र में रणनीतिकार के रूप में पहचान

पहला मुहीम – Citizens for Accountable Governance (CAG) नामक एक ग्रुप की सुरुआत किया , और उनके इस ग्रुप ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेत्रित्व वाली पार्टी (NDA) को भारी समर्थन दिलाने में मदद किया |

इसके बाद गुजरात के विधानसभा चुनाव में भी इनके इस ग्रुप ने एक बड़ी भूमिका निभाया |

रणनीति बनाने का तरीका क्या है

  • डेटा एकत्रित करना और एरिया या क्षेत्र के वास्तविकता पर जोर
  • मीडिया और सोशल मिडिया से लोगों तक पंहुच
  • ग्राउंड स्तर पर काम और रणनीति उसके हिसाब से बनाना
  • यही कुछ बातें प्रशांत किशोर को औरों से अलग बनाता है

समस्या और असफलता

ऐसी बात नहीं है की उनको सिर्फ सफलता ही मिलता चला गया , उनको भी कुछ एक मामलों में असफलता हाथ लगा , जैसे उदहारण के लिए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनके द्वारा बनाया गया रणनीति उनके अनुमान के स्वरुप परिणाम नहीं दे सका | लेकिन यह परिणाम उनके रणनीति पर कोई सवाल खड़ा नहीं करता है , क्योंकि हर क्षेत्र में थोरी बहुत उतार – चढ़ाव तो होता ही रहता है |

रणनीतिकार से सक्रिय राजनीति में प्रशांत किशोर का कदम

  • प्रशांत किशोर ने 2018 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) में उपाध्यक्ष का पद भी संभाला
  • प्रशांत किशोर ने अपने आप को रणनीतिकार तक ही सिमित नहीं रखा बल्कि उन्होंने इससे आगे बढ़ते हुए परिवर्तन एजेंट के रूप में स्थापित किया
  • प्रशांत किशोर ने देखा की अब सिर्फ सुझाव देना ही काफी नहीं अगर कुछ परिवर्तन लाना है है तो नेत्रित्व में उतरना होहा
  • बिहार में गाँव स्तर पर और छोटे स्तर पर जन सुराज पार्टी का सुरुआत हुआ
  • इस पार्टी के अभियान का उदेश्य है लोगों के बीच जाना , समस्याओं को सुनना और राजनितिक चीजों से अवगत करना
  • 2 अक्टूबर 2024 को प्रशांत किशोर ने JAN SURAAJ PARTY का नीव रखा
  • पार्टी का मूल विचार – सही लोग , सही सोच और सामूहिक प्रयास
  • पार्टी ने बड़े स्तर पर बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में हजारों किलोमीटर तक का पदयात्रा किया और लोगों से सीधे संवाद किया

आगे के दिनों की समस्या और भविष्य की तैयारी

पहले से स्थापित और पैर जमाये राजनितिक दलों से द्वंध राजनीति के मैदान में , युवा को खुद के पार्टी और एक बदलाव के यात्रा से जोड़ना , संगठन बना कर पार्टी को राजनीति में आगे लेकर जाना , तो ये सभी चुनौतियाँ है इस पार्टी के सामने और साथ ही यह भी देखना होगा की उनकी कही गई बातें और वाडे कितना जमीन पर खड़ा उतर पाता है |

सफलताएँ और उनके पक्ष में कुछ बातें

  • पहले भी राजनीति में उनके द्वारा बनाया गया रणनीति अलग – अलग पार्टियों के लिए काम कर चूका है
  • भारतीय राजनीति में उनके द्वारा दिया गया एक अनोखा नियम – डेटा पर काम करना और ग्राउंड वर्क
  • राजनीति क्षेत्र में सफल रणनीति बनाने में महारत

संघर्स और एक सिख जो आप प्रशांत किशोर से ले सकते है

प्रशांत किशोर ने अपने ज़िन्दगी में काफी संघर्स किया | गॉंव से शहर तक पहुंचना , स्वाथ्य से राजनीती तक का सफर , सलाह से नेत्रित्व करना | ये रास्ता प्रशांत किशोर के लिए आसान नहीं था , कई बार तो ऐसा भी समय आया जब प्रशांत किशोर के विचारों को सीधे नकार दिया गया | यही संघर्स से भरी उनकी ज़िन्दगी उनको आगे बढ़ने को प्रेरित भी करता रहा |

प्रशांत किशोर से आप यह सिख सकते है की सफलता जो है वह सिर्फ एक बिंदु या विराम नहीं है – यह लगातार कोशिश करते रहना , असफल होने पर उससे सीखना , और अगर आपका परिश्थिति आपका समय कितना भी ख़राब क्यों ना हो उस समय संयम से और सूझ बुझ से काम लेना ही सफलता के परचम लहराने में मदद करता है |

निष्कर्ष

प्रशांत किशोर का सफर एक प्रेरणा है — गाँव-की पृष्ठभूमि से उठकर राष्ट्रीय राजनीति-रणनीति की ऊँचाइयों तक पहुँचना, और अब बदलाव के एजैंडा के साथ सामने आना। उनका यह सफर यह बताता है कि यदि उद्देश्य स्पष्ट हो, दृष्टि हो और जमीन पर मेहनत हो — तो बदलाव संभव है।
यदि आप अपनी पाठकों को यही संदेश देना चाहते हैं — “परिस्थितियाँ मायने नहीं रखती, आपका दृष्टिकोण मायने रखता है” — तो यह लेख एक अच्छी शुरुआत हो सकती है।

Author

  • नमस्कार दोस्तों मेरा नाम Raushan Jha है मै एक न्यूज़ कंटेंट राइटर और डिजिटल जर्नलिज़्म रिसर्चर हूँ । मै ब्रेकिंग न्यूज़, करंट अफेयर्स, सामाजिक मुद्दों, टेक्नोलॉजी और जनहित से जुड़े विषयों पर तथ्यात्मक और संतुलित रिपोर्टिंग करता हूँ । मेरा उद्देश्य पाठकों तक सटीक, निष्पक्ष और भरोसेमंद जानकारी पहुँचाना है, ताकि लोग सही तथ्यों के आधार पर अपनी राय बना सकें।


Share Now

-----------------

ये खबर भी पढ़ें...

अरावली पहाड़ों की कटाई: भारत की सबसे पुरानी पर्वतमाला पर मंडराता सबसे बड़ा खतरा

अरावली पहाड़ों की अवैध कटाई से पर्यावरण और जल संकट बढ़ता हुआ

Share Nowभारत की पहचान केवल उसके शहरों, नदियों या संस्कृति से नहीं होती, बल्कि उसकी प्राकृतिक धरोहरों से भी होती है। अरावली पर्वतमाला, जो दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में गिनी जाती है, आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैली यह पर्वतमाला आज अवैध खनन, अंधाधुंध कटाई पूरी खबर पढ़ें...

गाजियाबाद में 90 हजार रुपये के लिए खौफनाक कत्ल: किरायेदार पति-पत्नी ने की मकान मालकिन की निर्मम हत्या

गाजियाबाद में किरायेदार पति-पत्नी द्वारा 90 हजार रुपये के लालच में मकान मालकिन की हत्या का मामला

Share Nowपरिचय उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक ऐसी सनसनीखेज वारदात सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। महज 90 हजार रुपये के लालच में एक किरायेदार पति-पत्नी ने अपनी ही मकान मालकिन की हत्या कर दी। यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि समाज में बढ़ते अपराध पूरी खबर पढ़ें...

खबरें और भी हैं...

Leave a Comment